8th Pay Commision से होगी सरकारी कर्मचारी की सैलरी में बढ़ोतरी जानिए आगे की जानकारी

8th Pay Commission

8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन और पेंशन में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। यह बदलाव मुख्य रूप से वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर होता है। 7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। हालांकि अभी सरकार ने इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन खबरों और रिपोर्ट्स के आधार पर 2025 में आठवें वेतन आयोग के गठन और 2026 में इसकी सिफारिशों के लागू होने की संभावना है। साथ ही, हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत गारंटीड पेंशन प्लान की घोषणा ने इस चर्चा को और तेज कर दिया है। आइए जानते हैं, 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में किस तरह का बदलाव हो सकता है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?

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केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह योजना कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और UPS के बीच चयन का विकल्प देती है। जहां NPS बाजार आधारित रिटर्न पर निर्भर करता है, वहीं UPS के तहत कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट से पहले की 12 महीनों की औसत मासिक सैलरी के 50% के बराबर फिक्स्ड पेंशन की गारंटी मिलती है।

8th Pay Commission के गठन की संभावनाएं

खबरों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग का गठन 2025 में किया जा सकता है, और इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। सामान्यतः हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है, ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन को आर्थिक स्थितियों के हिसाब से संशोधित किया जा सके।

फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में बदलाव

वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है। 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 करने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी वर्तमान 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी।

पेंशन में संभावित बदलाव

8th Pay Commission में UPS के तहत पेंशन का निर्धारण रिटायरमेंट से पहले 12 महीनों की औसत सैलरी के आधार पर किया जाएगा। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो न्यूनतम पेंशन वर्तमान 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।

UPS और NPS में अंतर

NPS बाजार आधारित योजना है, जिसमें रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। वहीं, UPS में गारंटीड फिक्स्ड पेंशन की सुविधा दी जाती है। UPS के तहत कर्मचारी को निश्चित पेंशन मिलती है, जो उनके भविष्य को सुरक्षित बनाती है।

8th Pay Commission

सरकार की आधिकारिक स्थिति

हालांकि 8th Pay Commission को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार 2025 में इसका गठन कर सकती है। इसके साथ ही UPS जैसे नए पेंशन विकल्प कर्मचारियों के लिए भविष्य की योजना बनाने में सहायक साबित हो सकते हैं।

कंक्लुजन

8th Pay Commission की संभावनाओं और यूनिफाइड पेंशन स्कीम के साथ, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आने वाला समय आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, सरकार की आधिकारिक घोषणा के बाद ही वेतन और पेंशन में वास्तविक बदलावों का सही आंकलन किया जा सकेगा। ऐसे में कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे UPS और NPS के विकल्पों को समझकर सही निर्णय लें।

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